Tuesday, 14 June 2016

राम मंदिर निर्माण के लिए - होना होगा धर्म के प्रति जागरूक

राम मंदिर निर्माण के लिए - होना होगा धर्म के प्रति जागरूक पूज्य श्री देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज अयोध्या में राम मंदिर न बनने का एक बहुत बड़ा कारण यह भी है की हम अपने धर्म के प्रति जागरूक नहीं हैं आज हमारे बच्चों को माथे पर तिलक लगाने में शर्म आती है अरे बच्चों की तो छोड़िये जब हम खुद ही तिलक नहीं लगाते तो बच्चों से हम यह उम्मीद कैसे कर सकते हैं। महाराज श्री ने कहा की "मैंने तो सुना है की फैजाबाद और अयोध्या के मुसलमान भाई तो दिल से चाहते हैं की अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो" तो फिर कौन है जो नहीं चाहता की मंदिर का निर्माण हो अब इस धर्म के नाम पर हो रही राजनीती के खिलाफ हमें एकजुट होना होगा। समय आ गया है की हमें अपने धर्म के प्रति जागरूक होना होगा और जिस दिन हम धर्म के प्रति जागरूक हो गए उस दिन राम मंदिर निर्माण को कोई नहीं रोक पायेगा। उक्त विचार पूज्य महाराज श्री ने अनन्त श्री विभूषित महंत पूज्य श्री नृत्यगोपाल दास जी महाराज के 78वें जन्मदिवस के शुभावसर पर प्रभु श्री राम की पावन जन्म स्थली अयोध्या में आयोजित विशाल श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में व्यक्त किए। 


महाराज श्री ने कहा की धन का होना बड़ी बात नही है। धन और राज्य तो रावण के पास भी था लेकिन संतों का सानिध्य नहीं था। लेकिन हम इतने भाग्यशाली हैं की हमें संतों का सानिध्य भी प्राप्त है, धाम का वास भी प्राप्त है और प्रभु की कथा भी श्रवण कर रहे हैं। जिनको अपने जीवन का लक्ष्य मालूम नहीं है वे मूर्खों की तरह अपने जीवन को व्यर्थ ही गवां रहे हैं मृत्यु का भय हमें हर समय सताता रहता है क्योंकि हम ये भूल गए हैं की हम इंसान की नहीं परमात्मा की औलाद हैं उस परम ब्रह्म की संतान हैं। आत्मा कभी मरती नहीं है वो तो अजर-अमर है। लेकिन इन सांसारिक नश्वर जीवों के साथ रहकर हम अपने परम लक्ष्य को भूल गए हैं और जो अपने मानव जीवन के लक्ष्य को जान जाते हैं वो कभी मरते नहीं हैं। मीरा, तुलसीदास, कबीरदास ये सब मरे कहा है अरे मरते तो वो हैं जो प्रभु के लिए नहीं सिर्फ अपने लिए जीते हैं। आज की क्षिक्षा प्रणाली हमें सिखाती है की धन कैसे अर्जित की जाये लेकिन हमारे धर्मग्रंथ, वेद-पुराण हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं। धन-दौलत चाहे जितनी भी एकत्रित कर लो लेकिन अगर प्रभु का नाम रूपी धन एकत्रित नहीं किया तो सब व्यर्थ है। आज के कथा प्रसंग में श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया।

सभी भक्तों के मध्य प्रभु जन्म की बधाइयाँ बांटी गईं।

1 comment:

  1. 🕉राधा की चाहत है कृष्णा उसकी दिल की विरासत है कृष्णा।😊
    चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्णा दुनिया तो फिर भी यही कहती है☺
    ⛳⛳राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा।।⛳⛳

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